प्रेम कभी सरल न रहा
जितना डूबा उतना ही उलझा
देखो तो दो रूहों का खेल
जिसे ना कोई जला सके
ना भिगो सके , ऐसा
आत्मा का मेल.....
प्यार ने इसे जला दिया ,
खारे पाने ने धो दिया
कुंदन कर दिया, मगर
इसे....
जितना डूबा उतना ही उलझा
देखो तो दो रूहों का खेल
जिसे ना कोई जला सके
ना भिगो सके , ऐसा
आत्मा का मेल.....
प्यार ने इसे जला दिया ,
खारे पाने ने धो दिया
कुंदन कर दिया, मगर
इसे....
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