Wednesday, May 27, 2015

उपरवाले

हे  उपरवाले मन किया की आज तुझसे  थोड़ी बात की जाए ,इसलिए अपने जरूरी काम छोड़ गैरजरूरी काम करने बैठी हूँ  तुमसे बात करने ,पता नहीं कभी तू ये  चिट्ठी पढ़ेगा भी या नहीं पर तुझे लिखना  जरूरी है , सुन न , ये बता तूने बंदरो को इन्सान क्यों बनाया ?? तूने क्या सोचकर बनाया बता न ??

 मुझे लगता है तू भी कोई बहुत बड़ा सॉफ्टवेयर डेवलपर रहा होगा ,जिसे हर वक़्त अपने सॉफ्टवेयर कोई नया updation  चाहिये ।  बस यही सोच तूने बंदरो को इंसान बना दिया होगा  ।

पता है तुमने इंसान तो बना दिया पर अकल का  मामला  गड़बड़ कर दिया  , जब बन्दर था तब तक बड़ा मज़ा था  प्यार था बंदरो के बीच , बस एक यही बड़ी बात थी उन में , पर जैसे ही  इंसान बना उसे बाकी सब चीजो  में बुद्धि तेज  हो  गयी पर  सवेंदनाओ में कम  अकल  कर दिया ।

तेरा सॉफ्टवेयर ढंग से अपडेट नहीं हुआ , तूने बाद में और बड़ी करामात कर दी ,उन्हें हिन्दू मुस्लिम बनाकर , तूने ही बनाया न , वार्ना इन बंदरो को कैसे पता हिन्दू कौन , मुस्लिम कौन , अरे भाया तेरी पूजा करे है न ,तो तूने ही सिखाया होगा ये हिन्दू है ये मुस्लिम। . 

 बस अब एक अरज थी सुन न , सुन रहे हो  न , तेरी हवा का जो  सॉफ्टवेयर  है  वो हिन्दू मुस्लमान  सबके पास एक सा जाता है जरा चेंज कर न, अब तो स्टीव  जॉब भी तुम्हारे साथ है स्टीव जॉब से पहले वाले सारे कम्प्यूटर्स के मास्टर वही है उन सबको  पता है जब डेटा की डेलवेरी करनी होती है तब उसे छोटे छोटे पैकेट्स में बांटकर  उस पर डेस्टिनेशन का  address  चिपका देते है और आखरी में जहाँ डिलीवरी होनी होती है  उन सारे पैकेट्स को assembel  कर उस address वाले कंप्यूटर पर वो डेटा डिलीवर करते  है ,कुछ सीख ले उनसे । 

ऐसा  ही कुछ तू अपनी बहती हवा के साथ कर , बहती हवा पर एड्रेस मुस्लमान लिख जिस से वो हवा सिर्फ मुस्लमान  को मिले और दूसरी हवा के पैकेट पर हिन्दू लिख वो  सिर्फ हिन्दू को आये ।  देख  बराबर का न्याय करना । और हाँ पानी में भी ऐसा ही करना । अरे हाँ जब कोई अपदा आये उस पर भी हिन्दू ,मुस्लिम लिखकर भेजना , please गॉड जी  । 

हिन्दू और मुस्लमान  में तू मत भेद करना , अब तूने बनाये है ऐसा सबकुछ , अरे  सब लोग कहते है हिन्दू मुसलमान तूने बनाये है  अब देख मुकर  मत जाना , तू तो राम और रहीम , गीता और कुरान तक ही सिमट कर रहा है , उन किताबो में छिप कर बैठा  है और बहुत बड़ा डरपोक है खुद की रक्षा भी नहीं कर पता , इंसानो  को अपने वजूद को बचाने के लिए भेज दिया ।

जिसने गीता लिखी और जिसने कुरान बस उन दो की ही पता था मतलब उसका , वार्ना तुझे भी  पता है हिन्दू का भगवान   और मुसलमान का अल्लाह ,  अब  बता चिट्टी किसे भेजूं , मेरा दिल रोता है तुझे देखने के लिए 
तू हिन्दू सा दिखता है या मुस्लमान सा , या क्रिस्टन  सा , बता न तू  क्या है ??

मेरी एक  अर्ज़ है तू वापस बन्दर नहीं बना बना सकता  हम इंसानो को क्या। .... वो जंगली बन्दर जो एक दूसरे की पीठ खुजाते है और  जरा सी भी तेरे होने की समझ  न हो, जिन्हे । . कौन है तू 

                ढूंढो , मैं भी ढूँढ रही हूँ बन्दर होने की दवा 

यूँ ही कुछ कुछ मन 

Tuesday, May 12, 2015

मां

किसी काफिर ने कहा ,नासि्तक हूं मैं
खुदा मेरे बगल मे आ बैठा , मां
जब तेरे पैरो को छुआ मैनें

मेरे शोना

एक पुर्जा तुमने भेजा था
रोशनी का टुकडा डालकर
चॉद की चॉदनी भरकर 
फूलो की महक से महकाकर
उस पर लिखा था तुमने,
मैं मुस्करा कर पढ रही
हूं ...मेरे शोना

Saturday, May 2, 2015

मजदूर

जिस दिन और भी कई लुटेरे  आकर
इस धरती को लूट रहे होंगे
और धरती किसी खूबसूरत लड़की
की तरह अर्ध नग्न अवस्था में
अपनी अस्मत बचाने की नाकाम
कोशिश में होगी , तब
सारे मंदिर और मस्जिद
सब  ढह  चुके होंगे और
धराशायी होंगे   धर्म  के
ये थानेदार , तब पेट की
सुलगती  आग का  कोई
हल उस भगवान से लेकर
उसके ठेकेदार के पास  भी नहीं
होगा , और तब, जब जिस्म की
जलती आग के लिए किसी
मॉस की तलाश से पहले
अपना  मुंह, अपनी
ही आंतो में डालकर
उसकी आग बुझानी  होगी

तभी खारे पानी की बून्द
अजब  सी महक वाली
जहाँ  जहाँ  गिरेगी  वो
 रोटी बन ठहर जायेगी

माँ ,आज रोटी में नमक ज्यादा है
कौन मजदूर उन  खेतो से होकर गुज़रा