Kitaab
Tuesday, November 3, 2015
दिल की ज़मीन
कुछ किस्से कहानियाँ दिल
के अंदर ही पनपा करती है
और वही सुखकर झड़कर
राख बन जाते है
दिल की ज़मीन को भी खाद चाहिए...
Monday, November 2, 2015
शब्दो का जायका
कुछ पक्के रंग ,शब्दो के, जायका बन
जुबान पर बरसो तक ,ठहरे रहते हैंं
रंगरेज से कहो ,जुबान चाशनी से धोये
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